देहरादून, बर्मिंघम में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में बैडमिंटन के पुरुष एकल में स्वर्ण पदक जीत लक्ष्य सेन उत्तराखंड के दूसरे गोल्डन ब्वॉय बन गए। इससे पहले अंतिम बार 2006 में निशानेबाज जसपाल राणा ने अंतिम बार सेन्टर फायर पिस्टल मेन्स पेअर्स इवेंट में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। एकल के फाइनल में लक्ष्य ने मलेशिया के एनजी टीजे योंग को 19-21, 21-9, 21-16 से हरा दिया।
डेविस कप में शानदार प्रदर्शन करने वाली टीम का हिस्सा रह चुके लक्ष्य सेन से शुरू से ही देश को गोल्ड की उम्मीद थी जिस पर वह खरे उतरे। सोमवार दोपहर शुरू हुए मुकाबले में लक्ष्य का मैच देखने के लिए खेल प्रेमी टीवी के आगे डटे रहे। लक्ष्य ने खेल प्रेमियों को निराश नहीं किया और गोल्ड मेडल जीत कर सभी के चेहरे पर रौनक ला दी। लक्ष्य सेन ने पहला सेट हारने के बाद बाजी पलट दी। पहला सेट हराने से खेल प्रेमी निराश थे। लेकिन बाद के दो सेट में जिस तरह से लक्ष्य ने लय पकड़ ली, उससे हर कोई उनका कायल हो गया। उन्होंने मलेशिया के खिलाड़ी योंग को कोई मौका नहीं दिया। लक्ष्य के गोल्ड मेडल जीतने के बाद से खेल प्रेमियों में खुशी की लहर है।
लक्ष्य सेन ने 2021 में हुएल्वा में हुई वर्ल्ड चौंपियनशिप के मेन्स सिंगल्स में कांस्य पदक जीता था। उन्हें भारत के किदांबी श्रीकांत से हार मिली थी। इसके बाद लक्ष्य ने थॉमस कप में मेन्स टीम के साथ स्वर्ण पदक जीता था। बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में जहां लक्ष्य पुरुष एकल में स्वर्ण जीता वहीं मिक्स्ड टीम ने रजत पदक जीता। लक्ष्य ने मनीला में हुई एशिया टीम चौंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था। 2018 में ब्यूनस आयर्स में हुए यूथ ओलंपिक गेम्स में लक्ष्य ने रजत पदक जीता था। 2018 में वर्ल्ड जूनियर चौंपियनशिप में उन्होंने कांस्य अपने नाम किया था। एशियन जूनियर चौंपियनशिप 2018 में स्वर्ण और 2016 में कांस्य जीता था।