देहरादून, पर्यावरणविद् वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी के पहल से सकलाना पट्टी के मरोड़ा व हटवाल गांव के नागराजा मंदिर परिसर में पंडित अनुसूया प्रसाद उनियाल व कुंदन लाल उनियाल ने विधि विधान से हवन यज्ञ पूजा अर्चना कर देववृक्ष पीपल, बटवृक्ष के साथ अनार, बोटल ब्रास के पौधों का रोपण किया।
वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी कहते हैं हमारे पूर्वज बहुत जानकार थे जो पौधे हमारे पीढ़ी के लिए उपयोगी थे उन्होंने ने उन पौधों को देवपूजन से जोडकर उनका संरक्षण किया ताकि उन पौधों का दोहन ना हो सके, पीपल का पौधा ऑक्सीजन के दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता हैं जिसे विज्ञान भी मान चुका है। डॉ सोनी यह भी कहते हैं हमारे समाज में बड़ पीपल के पौधों का रोपण उनके विवाह कर किया जाता है उसी परम्परा को मानते हुए हमने पीपल व बटवृक्ष के पौधों का रोपण किया हैं ताकि हमारा उत्तराखंड ऑक्सीजन भण्डार के रूप में हो सके। प0 अनुसूया प्रसाद उनियाल कहते हैं पीपल हमारा देवतुल्य पौधा है तभी हम उसकी पूजा करते हैं वो हमारे लिए कितना उपयोग हैं जिसका जिक्र हमारे शास्त्रों में भी है वही प0 कुंदन लाल उनियाल कहते हैं पीपल एकमात्र ऐसा पौधा हैं जो हर समय ऑक्सीजन देता हैं इसका कोई नुकसान ना पहुचाये हमारे पूर्वजों ने इसे देव पूजन से जोड़ा है। वृक्षमित्र डॉ सोनी ने पीपल व बटवृक्ष रोपण का बहुत ही सराहनीय पहल की हैं इसका अनुकरण कर हमें भी अपने गांव गांव में बड़ पीपल के पौधों का रोपड़ करना चाहिए। पौधारोपण में स्वराज सिंह पंवार, हुकम सिंह हटवाल, लखीराम बहुगुणा, धनसिंह नकोटी, दीप सिंह, अनिल हटवाल, दिनेश प्रसाद उनियाल, शीशराम, महावीर धनोला, प्यारसिंह रमोला, हीरा पंवार, बीरचंद कुमाई,ज्ञानसिंह, नीलम देवी, बीना देवी, सरिता रावत आदि मौजूद थे।