देहरादून,अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने भाजपा नेताओं और धामी सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि सत्ता पक्ष दोषियों को बचाने और संरक्षण देने का काम कर रहा है ऐसे में अंकिता भंडारी को न्याय भला कैसे मिल सकता है। उन्होंने वंनत्रा रिजार्ट में बुलडोजर चलाने वाले ऑपरेटर के कोर्ट में दिए गए बयान के आधार पर यमकेश्वर विधायक रेनू बिष्ट के खिलाफ भी आपराधिक मामला दर्ज करने और उनकी विधानसभा की सदस्यता को समाप्त करने की मांग की है। कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में करन माहरा ने कहा कि हम पहले दिन से ही इस मामले को लेकर यह कहते चले आ रहे हैं कि सत्ता में बैठे लोग आरोपियों को बचाने और संरक्षण देने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि घटना के बाद रातोंकृरात जिस तरह से वनंत्रा रिजार्ट के कमरे पर जिसमें अंकिता रहती थी उसे पर बुलडोजर चलवा कर सबूत को मिटाने का प्रयास किया गया है। यह बात अब वनंत्रा रिजार्ट में बुलडोजर चलाने वाले ऑपरेटर दीपक द्वारा कोर्ट में दिए गए बयानों से भी साफ हो गई है। उन्होंने कहा कि उसने अपने बयान में साफ कहा है कि उसके पास किसी भी अधिकारी के कोई लिखित या मौखिक आदेश नहीं थे। उसने यमकेश्वर विधायक रेनू बिष्ट के कहने पर ही वंनत्रा रिजार्ट में बुलडोजर चलाया था।
माहरा ने कहा कि भाजपा विधायक का इससे क्या लेना देना था? उन्होंने क्यों पीड़िता के कमरे पर बुलडोजर चलवाया। उन्होंने सवाल किया कि अपराध को अंजाम देने वाला जितना किसी अपराध के लिए दोषी या जिम्मेदार होता है उतना ही जिम्मेदार अपराध करने वाले की मदद करने वाला और सबूत मिटाने वाला भी होता है। भाजपा को चाहिए कि वह रेनू बिष्ट की विधानसभा सदस्यता को समाप्त करें तथा उनके खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराये। जिससे अंकिता को न्याय मिल सके। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेताओं द्वारा बेटियों को बचाने और महिलाओं के सम्मान करने की बात कही जाती है लेकिन उनके द्वारा बेटियों को बचाने और उनकी सुरक्षा को लेकर क्या किया जाता है यह घटना उसके दोहरे चरित्र को प्रमाणित करती है। उधर भाजपा ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस हर एक मुद्दे पर राजनीति करती है जब मामला न्यायालय में विचाराधीन है तथा कानूनी प्रक्रिया के तहत सब कुछ हो रहा है तो उसमें बीजेपी या सरकार क्या करेगी। भाजपा नेताओं का कहना है कि कानून अपना काम कर रहा है तथा जो दोषी होगा उसको अदालत सजा देगी।