देहरादून, भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, कौलागढ़ रोड, देहरादून (उत्तराखंड) में 5 दिवसीय ‘‘मृदा एवं जल संरक्षण एवं प्रबंधन‘‘ विषयक प्रशिक्षण कार्यक्रम (26-30 दिसम्बर) के समापन समारोह का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण प्राकृतिक संसाधन (मिट्टी, पानी और वनस्पति) प्रबंधन से संबंधित मुद्दों को संबोधित करने वाले अद्वितीय कार्यक्रमों में से एक है, जो जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करता है और देश में आजीविका, पोषण और पर्यावरण सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करता है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में पंजाब प्राप्त की विभिन्न जिलों जैसे. शहीद भगत सिंह नगर, होशियारपुर इत्यादि से 14 सर्वेक्षकों व 02 कृृषि उप-निरीक्षकों ने भाग लिया।
संस्थान के निदेशक डॉ एम. मधु ने अपने संबोधन में आग्रह किया कि प्रशिक्षुओं को चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम करते हुए उन लोगों की आवश्यकता को समझना चाहिए जिनके लिए काम लक्षित है। इससे जलागम के प्रबंधन में बेहतर सफलता सुनिश्चित होगी और कृषक समुदाय का समावेशी विकास सुनिश्चित होगा। डॉ लेखचन्द्र, प्रधान वैज्ञानिक ने कार्यक्रम के समन्वय थे। फीडबैक सत्र के दौरान, प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के सफल आयोजन में भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, कौलागढ़ रोड, देहरादून द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने समारोह के अंत में एक औपचारिक धन्यवाद प्रस्ताव रखा और प्रशिक्षण कार्यक्रम को पूरा करने में मदद करने वाले प्रत्येक व्यक्ति के प्रति अपना हार्दिक धन्यवाद और आभार व्यक्त किया। मानव संसाधन विकास एवं एसएस प्रभाग द्वारा डॉ. डी.वी. सिंह के समर्थन और सहयोग के साथ डॉ लेख चंद, डॉ मातबर सिंह, डॉ इंदु रावत, डॉ अभिमन्यु झाझरिया, के आर जोशी, लता भंवर, धर्मपाल, कमल किशोर और नेहा द्वारा समापन समारोह का सफलतापूर्वक संपूर्ण किया गया।