देहरादून, न्यू कैंट रोड स्थित कैंप कार्यालय में कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कृषि एवं उद्यान विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में मंत्री जोशी ने अधिकारियों को शीतकाल में बागवानी करने वालो के किसानों को सेब की पौध उच्च गुणवत्तायुक्त पौध अच्छी पैदावार वाली प्रजाति के पौध उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। बैठक में मंत्री जोशी ने मिलेट मिशन के अंतर्गत प्रदेशभर में पहाड़ी उत्पाद जैसे मुंडवा, रामदाना, झंगोरा के कलेक्शन सेंटर खोलने के निर्देश दिए, ताकि किसानों को पैदावार का उन्हें उचित लाभ मिल सके। मंत्री जोशी ने अधिकारियों को यूपी के तर्ज पर उत्तराखंड में एग्री मॉल बनाने के भी निर्देश दिए। मंत्री जोशी ने अधिकारियों को देहरादून में जमीन तलाशने ओर एग्री मॉल की कार्ययोजना बनाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा देहरादून में एग्री मॉल बनने से पर्यटकों में इजाफा होने के साथ-साथ उत्तराखंड के ऑर्गेनिक उत्पादों को भी बढ़ावा मिलेगा। इस एग्री मॉल में पहाड़ी उत्पाद मंडवा, झंगोरा, रामदाना, विभिन्न प्रकार सब्जियों फल इत्यादि उपलब्ध होगी। मंत्री ने कहा निश्चित ही इस एग्री मॉल बनने से हमारे पहाड़ी उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा।
बैठक में मंत्री ने अधिकारियों को रूफ टॉप गार्डनिंग योजना के क्रियान्वयन और सभी तैयारियां पूर्ण करने ओर इसके प्रचार प्रसार करने के भी निर्देश दिए। रूफ टॉप गार्डनिंग योजना की शुरूवात 15 जनवरी को की जायेगी। योजना के अंतर्गत देहरादून को पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर लिया गया है। जनपद देहरादून के शहरी क्षेत्रों में छत पर बागवानी (त्ंच िजवच ळंतकमदपदह) को बढ़ावा दिये जाने हेतु योजना की शुरूवात की जा रही है। इसमें यदि कोई व्यक्ति किराये के घर पर निवास कर रहा हो एवं छत पर बागवानी करना चाहता हो, तो वे भी इस योजना का लाभ ले सकेंगे बशर्ते इसके सम्बन्ध में वह अपने मकान मालिक से अनापत्ति/सहमति प्राप्त कर एनओसी स्व-प्रमाणन उपलब्ध करायेंगे।
योजना के तहत समस्त पंजीकृत आवेदकों को एक दिवसीय रूफ टॉप गार्डनिंग प्रशिक्षण प्राप्त करना अनिवार्य होगा एवं सफल प्रशिक्षार्थी ही योजनान्तर्गत वित्तीय राजसहायता का लाभ मिलेगा। योजनान्तर्गत राजसहायता का भुगतान डी.बी.टी. के माध्यम से किया जायेगा। योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु आवेदकों को विभागीय वेबसाईट कवीचि.ना.हवअ.पद के. डेशबोर्ड पर जाकर त्वव िज्वच ळंतकमदपदह स्पदा पर ऑनलाईन आवेदन करना होगा और आधार कार्ड, नगर पालिका में निवास का कोई प्रमाण पत्र ओर बिजली, पानी का बिल बैंक पासबुक की छायाप्रति, आवेदक पर घर की खाली छत की फोटो अपलोड करना होगा।
योजना के तहत शहर में निवास करने वाले प्रति परिवार एक ही व्यक्ति लाभान्वित किया जायेगा । जिनके पास न्यूनतम 300 वर्गफीट क्षेत्रफल में छत उपलब्ध हो वह व्यक्ति ही इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकेंगे। तथा 300 वर्गफीट क्षेत्रफल के अन्तर्गत कुल लागत रू0 50 हजार का 50ः अधिकतम 25 हजार रु. राजसहायता प्रदान की जायेगी। योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त करने के लाभार्थी को 5 हजार रु. डीबीटी माध्यम से प्रदान की जायेंगी। मंत्री जोशी ने जाएका परियोजना की तर्ज पर अन्य जनपदों में भी किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से औद्योनिकी के विकास के लिए एशियाई विकास बैंक जैसी संस्थाओं से समन्वय बनाकर बाह्य वित्त पोषण प्राप्त करने के लिए विस्तृत परियोजना बनाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर अपर सचिव कृषि रणवीर सिंह चौहान, उद्यान निदेशक एचएस बवेजा, कृषि निदेशक गौरीशंकर सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।