देहरादून, प्रदेश के सीमांत, दूरस्थ एवं दुर्गम क्षेत्र के बच्चों में वैज्ञानिक चेतना विकसित करने के साथ-साथ वैज्ञानिक अवधारणा को पुष्ट करने हेतु मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर विकासखंड और जनपद स्तर पर कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इन प्रतियोगिताओं के समापनार्थ निर्णायक समारोह, प्रथम राज्य स्तरीय सीमांत पर्वतीय जनपद बाल विज्ञान महोत्सव 2022 के रूप में दिनांक 19 और 20, नवंबर 2022 को चम्पावत में जवाहर नवोदय विद्यालय में होगा, इस बाल विज्ञान महोत्सव को उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकास्ट) आयोजन कर रहा है, सहभागी के रूप में जिला प्रशासन चम्पावत भी है , ऐसा कहना है यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत का।
प्रो. दुर्गेश पंत ने बताया कि राज्य के 06 सीमांत जनपद उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, चम्पावत और पिथौरागढ़ के लगभग 250 स्कूली बच्चे पिछले कुछ हफ्तों में चयनित हुए हैं, जो इस बाल विज्ञान महोत्सव में प्रतिभाग करेंगे। इस दो दिवसीय महोत्सव का मूल उद्देश्य राज्य के दूरस्थ विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को पारम्परिक ज्ञान के प्रति संवेदनशील बनाते हुए उनमें वैज्ञानिक सोच का विकास करना और आधुनिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का राज्य मे वृहद लोकव्यापीकरण करना है। इस महोत्सव का उद्घाटन 19 नवम्बर 2022 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करेंगे और समापन 20 नवम्बर को बच्चों को पुरस्कृत करके राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि.) गुरमीत सिंह करेंगे।
यूकॉस्ट के प्रबंधक जनसम्पर्क अमित पोखरियाल ने बताया कि इस अनोखे बाल विज्ञान महोत्सव में प्रतिभागियों को विज्ञान प्रदर्शनी, वैज्ञानिक कार्यशाला, दूरबीन के माध्यम से आकाश अवलोकन, तारामंडल शो, विज्ञान फिल्म शो आदि के माध्यम से आमंत्रित वैज्ञानिकों के साथ चर्चा करने, उनके व्याख्यान सुनकर उनसे मार्गदर्शन लेने का अवसर भी प्राप्त होगा। महोत्सव में जूनियर वर्ग कक्षा 6 से 8 तक एवं सीनियर वर्ग कक्षा 9 से 12 तक के छात्र-छात्राओं के लिए पोस्टर प्रतियोगिता (स्थानीय पारंपरिक ज्ञान प्रणाली), नाटक (पर्यावरण संरक्षण जागरूकता) विज्ञान प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, कविता पाठन (हिन्दी एवं स्थानीय भाषा), कविता पाठन अंग्रेजी का आयोजन किया जा रहा है। देशभर से कई वरिष्ठ वैज्ञानिक, विशेषज्ञ और चिंतक इस महोत्सव में प्रतिभाग कर रहे हैं। महोत्सव में उपस्थित छात्र- छात्राएं तथा शिक्षक- शिक्षिकायें उन सम्मानित विशेषज्ञों के साथ संवाद और मार्गदर्शन के लिए इस सुनहरे अवसर का लाभ उठा सकते हैं।