राज्यपाल ने अभिभाषण के जरिए सरकार की प्राथमिकताओं को सदन के समक्ष रखा

देहरादून, उत्तराखंड की पांचवी निर्वाचित विधानसभा के पहले सत्र का शुभारंभ राज्यपाल ले. ज. (से.नि.) गुरमीत सिंह के अभिभाषण के साथ हुआ। राज्यपाल गुरमीत सिंह ने अपने अभिभाषण में सरकार की प्राथमिकताओं को सदन के समक्ष रखा। राज्यपाल का अभिभाषण करीब 55 मिनट चला। अभिभाषण में स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, स्वरोजगार, बुनियादी ढांचे के विकास समेत 43 बिंदुओं पर उन्होंने सरकार के कामकाज की जानकारी दी। साथ ही सरकार की भावी प्राथमिकताओं को विस्तार से बताया।  सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से ई-आफिस का क्रियान्वयन किया जा रहा है। स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क परियोजना के अंतर्गत जिला, तहसील एवं ब्लॉक स्तर पर 133 केंद्र स्थापित कर नेटवर्क कनेक्टिविटी प्रदान की जा रही है। अपणि सरकार के अंतर्गत नागरिक सेवाओं को नए रूप में प्रारंभ किया गया है, साथ ही उन्नति पोर्टल की भी शुरूआत की गई है। सचिवालय की कार्यप्रणाली में दक्षता लाने के उददेश्य से पत्रावलियों का संचरण ई आफिस के माध्यम से किया जाने का निर्णय लिया गया है। राज्‍यपाल ने कहा कि सरकार शिक्षा के क्षेत्र में अभिनव प्रयोग कर रही है। संस्कृत शिक्षा को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। मातृ शिशु सेवा में सुधार हो रहा है। मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के तहत तीन हज़ार रुपये दिए जा रहे हैं। बुजुर्गों व दिव्यांगों को पेंशन दी जा रही है।
पूर्वाह्न 11 बजे सदन की कार्यवाही राष्ट्र गान के साथ शुरू हुई। राष्ट्रगान के पश्चात राज्यपाल का अभिभाषण शुरु हुआ। अभिभाषण में राज्यपाल ने कहा कि अभिभाषण में राज्यपाल ने कहा कि प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के अंतर्गत चिकित्साधिकारियों के पदों पर 403 चिकित्सकों का चयन किया गया है। दंत संवर्ग के अंतर्गत डेंटल हॉइजिनस्ट के चालीस रिक्त पदों की भर्ती प्रक्रिया गतिमान है। आयुष चिकित्सा पद्धति की उन्नति के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है और राज्य के समस्त जनमानस को सुलभ एवं दुष्परिणाम रहित चिकित्सा पद्धति उपलब्ध करा रही है। अभिभाषण में राज्यपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना के अधीन प्रदेश के बच्चों के स्वास्थ्यवर्द्धन के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों में आने वाले तीन वर्ष से छह वर्ष तक के दो लाख छप्पन हजार हजार बच्चों को सप्ताह में चार दिन दूध दिया जा रहा है और मुख्यमंत्री सौभाग्यवती योजना के अंतर्गत चयनित प्रथम गर्भवती महिला को प्रसव के समय प्रसूता एवं नवजात शिशु को आवश्यक सामग्री युक्त किट उपलब्ध कराई जा रही है।
सीमांत क्षेत्रों में सुरक्षा के लिहाज से पूर्व सैनिकों को और युवाओं को बसने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। पलायन की वजह से खाली हो रहे सीमांत क्षेत्रों में दोबारा बसावट विकसित की जाएंगी। पीएम किसान योजना के तहत इस वक्त किसानों को सालाना छह हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। राज्य के नौ लाख से ज्यादा किसानों को इसका लाभ् मिल रहा है। इस योजना की तर्ज पर राज्य सरकार भी योजना शुरू करेगी। राज्य तेजी से आर्गनिक स्टेट के रूप में विकसित हो रहा है। राज्य के उत्पादों को अखिल भारतीय बाजार तैयार करने के लिए सरकार उत्तराखंड आर्गनिक्स ब्रांड विकसित करेगी। चारधाम सर्किट में आने वाले  सभी मंदिर और गुरुद्वारों में बुनियादी सुविधाओं और परिवहन सेवाओं को विस्तार किया जाएगा। गढ़वाल के चार धाम परियोजना की तर्ज पर कुमाऊँ के प्राचीन मंदिरों को भव्य बनाया जाएगा। हरिद्वार को योग की अंतर्राष्ट्रीय राजधानी और विश्व में आध्यात्मिक पर्यटन के लिए सबसे बड़े स्थलों के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए हरिद्वार में  उच्च गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा।  राज्य में महिला स्वयं सहायता समूहों को व्यावसायिक रूप से मजबूत बनाया जाएगा। नए व्यावसाय शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता को विशेष कोष बनाया जाएगा। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में 4जी और 5जी मोबाइल नेटवर्क को मजबूत किया जाएगा। स्थानीय लोगों की सुविधा के लिए हाई स्पीड ब्रॉडबैंड एवं फाइबर इंटरनेट की सुविधा को बढ़ाया जाएगा।राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में बेहतर और तेज कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए रोपवे परिवहन नेटवर्क के निर्माण के लिए पर्वत माला परियोजना शुरू की जाएगी। राज्यपाल ने अभिभाषण में कहा कि राज्य में पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए सरकार द्वारा ट्रैकिंग टैªक्शन सेंटर होमस्टे अनुदान योजना आरंभ की गई है। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी, नेता सदन सीएम पुष्कर सिंह धामी, संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, धन सिंह रावत, सुबोध उनियाल, चंदनराम दास, रेखा आर्य, सौरभ बहुगुणा, विधायक प्रीतम सिंह पंवार, विनोद कंडारी, विनोद चमोली, प्रीतम सिंह, यशपाल आर्य, आदेश चौहान, हरीश धामी, अनुपमा रावत समेत तमाम विधायक मौजूद रहे।

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