-कार्यक्रम में ट्राइलॉग संस्था ने सम्पूर्ण रामायण का नाट्य रूप में किया मंचन
देहरादून,गुरुवार को राजभवन में संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित ‘एक संध्या राम के नाम’ कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में ट्राइलॉग संस्था द्वारा सम्पूर्ण रामायण का नाट्य रूप में मंचन किया गया। नाट्य मंचन में भगवान श्रीराम के बाल्यकाल से वन गमन, अयोध्या आगमन तक के प्रसंग को मंच पर प्रभावशाली अभिनय के साथ कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किया गया। पात्रों द्वारा अपने अभिनय से उपस्थित लोगों को भाव विभोर कर दिया।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग करते हुए राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कलाकारों की सराहना करते हुए कहा कि उनके द्वारा जो अभिनय प्रस्तुत किया गया वह उच्च कोटि का रहा। उन्होंने कहा कि रामायण के नाट्य मंचन के द्वारा कलाकारों ने राम के आदर्शों का संदेश दिया है वह वर्तमान समय में प्रत्येक व्यक्ति के लिए प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि रामायण में हमने विभिन्न पात्रों के रूप देखे हैं वह सभी हमारे ही अंदर समाहित हैं। उन्होंने कहा कि प्रभु श्री राम हमारे आदर्श हैं जिनकी सभी लीलाएं मानव जीवन में अनुकरणीय हैं।
राज्यपाल ने कहा कि रामायण पर आधारित नाटक का उद्देश्य रामायण को सुनना और देखना ही नहीं अपितु उसको अपने जीवन में आत्मसात करना है। उन्होंने कहा कि इस नाटक के माध्यम से रामायण के समस्त प्रसंगों को जिस प्रकार मंचन किया गया उसके लिए सभी कलाकार बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या में श्री राम लला विराजमान होने जा रहे हैं और यह ऐसा अवसर है जिसका हमने वर्षों इंतजार किया है। इस कड़ी में प्रदेश में 14 जनवरी से 22 जनवरी तक सफाई अभियान और दीपोत्सव अभियान आयोजित किए जा रहे हैं।
इस अवसर पर पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि संस्कृति विभाग द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की कड़ी में रखा गया है। उन्होंने सुंदर नाट्य मंचन के लिए कलाकारों की सराहना की। इस कार्यक्रम में प्रथम महिला गुरमीत कौर, विधायक सविता कपूर, बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय, हेमकुंड साहिब ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेन्द्र जीत सिंह बिंद्रा, पूर्व कैबिनेट मंत्री अमृता रावत, सचिव संस्कृति हरीश चन्द्र सेमवाल, निदेशक बिना भट्ट, पूर्व डीजीपी अशोक कुमार सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।