निदेशक (वित्त) एसजेवीएन ने विद्युत मंत्री से की भेंट

देहरादून, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ में इन्वेस्टर मीट, ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह-3 (जीबीसी-3) का आयोजन किया। इस आयोजन में तीन सौर ऊर्जा परियोजनाओं के माध्यम से उत्तर प्रदेश में 1000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश करने के लिए एसजेवीएन को सम्मानित किया गया। उक्त पृष्ठभूमि के परिपेक्ष्य में अखिलेश्वर सिंह, निदेशक (वित्त) ने राजेश गुप्ता, मुख्य महाप्रबंधक (पीटी एंड बीडीई) और सुरेंद्र सिंह, उत्तर प्रदेश परियोजनाओं के प्रमुख के साथ अरविंद कुमार शर्मा विद्युत मंत्री, उत्तर प्रदेश से भेंट की तथा उन्हें उत्तर प्रदेश में निर्मित की जा रही एसजेवीएन की तीन सौर विद्युत परियोजनाओं की प्रगति संबंध में अवगत कराया।
वार्ता के दौरान ए. के. सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री की वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म स्रोतों से 500 गीगावाट विद्युत उत्पादन करने की प्रतिबद्धता के अनुरूप, नन्द लाल शर्मा के गतिशील नेतृत्व में, एसजेवीएन ने ष्वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 25000 मेगावाट तथा वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट स्थापित क्षमता के साझा विजन के साथ अपने बिजनेस मॉडल को पुनर्निमित किया है। अखिलेश्वर सिंह ने उत्तर प्रदेश में विद्युत के दोहन के लिए आगामी 5-6 वर्षों में लगभग 30,000 से 35,000 करोड़ रुपए के निवेश के लिए एसजेवीएन की गहन रुचि से अवगत कराया। अरविन्द कुमार शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश में चौबीस घंटे (आरटीसी) विद्युत की मांग है तथा एसजेवीएन की हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड एवं नेपाल में निष्पादित की जा रही जलविद्युत परियोजनाएं और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के संयोजन से राज्य में विद्युत आवश्यकताओं को पूरा करने की दिशा में बहुमूल्य योगदान प्रदान करेगी।
एसजेवीएन टीम के साथ निदेशक (वित्त) ने एम. देवराज, यूपीपीसीएल के अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक और प्रमुख सचिव, ऊर्जा विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार से भी उत्तर प्रदेश में सौर ऊर्जा विकास के लिए एसजेवीएन की रुचि अभिव्यकत करने हेतु भेंट की। देवराज शर्मा ने विद्युत के अन्य स्रोतों के संयोजन में अपनी जल विद्युत परियोजनाओं के माध्यम से राज्य में सौर ऊर्जा विकास करने और आरटीसी विद्युत की आपूर्ति के लिए एसजेवीएन के प्रयोजन की सराहना की। बैठक के दौरान एसजेवीएन और उत्तर प्रदेश सरकार के मध्य एक संयुक्त उपक्रम के गठन की संभावना पर भी चर्चा की गई। देवराज शर्मा ने एसजेवीएन को जलविद्युत और एसजेवीएन के अन्य नवीकरणीय स्रोतों के माध्यम से राज्य की पीकिंग एनर्जी डिमांड मांग की आपूर्ति के लिए वर्तमान और आगामी प्रतिस्पर्धी बोली अवसरों में भाग लेने का भी सुझाव दिया।

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