देहरादून, सूबे में टीबी रोग उन्मूलन में समाज के सक्षम लोग, निर्वाचित जनप्रतिनिधि, राजनीतिक, कॉर्पाेरेट संस्थान, गैर सरकारी संस्थान अपनी भागीदारी निभा सकते हैं, इसके लिये सभी को ‘नि-क्षय मित्र’ बनने का मौका दिया जा रहा है। सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने समाज के सक्षम वर्ग से अपील की है कि वह नि-क्षय मित्र बनकर क्षय रोगियों की सहायता के लिये आगे आयें और प्रदेश को टीबी मुक्त करने में सहयोग करें। टीबी मरीजों की औसत संख्या के आधार पर उत्तराखंड देशभर में सर्वाधिक नि-क्षय मित्र पंजीकरण करने वाला राज्य बन चुका है, इसके लिये केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 मनसुख मंडाविया ने खुशी व्यक्त की और इस उपलब्धि के लिये प्रदेश की जनता को बधाई दी।
टीबी मुक्त उत्तराखंड बनाने के लिये प्रदेश भर में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान जोर-शोर से चल रहा है। इस महत्वकांक्षी अभियान को सफल बनाने बनाने के लिये समाज के सक्षम लोगों से आगे आकर नि-क्षय मित्र बनने की अपील की गई है, ताकि टीबी मरीजों के उपचार परिणामों में सुधार लाया जा सके। नि-क्षय मित्र के तौर पर आम जनता की भागीदारी सुनिश्चित किये जाने के लिये निर्वाचित प्रतिनिधि, राजनीतिक दल, गैर सरकार संगठन, कॉर्पाेरेट्स संस्थान और इच्छुक नागरिक भी प्रतिभाग कर सकता है। इसके अलावा सहकारी समितियां, पंचायती राज विभाग सहित अन्य सरकारी विभाग भी नि-क्षय मित्र की भूमिका निभाकर टीबी मुक्त उत्तराखंड में भागीदार बन सकते हैं। नि-क्षय मित्र के रूप में प्रत्येक व्यक्ति एक या एक से अधिक टीबी रोगियों को कम से कम एक वर्ष तक गोद लेगा और उपचार में सहयोग करेगा साथ ही भारत सरकार द्वारा सुझावित फूड बास्केट प्रत्येक माह रोगी को उपलब्ध करायेगा, जिसकी अनुमानित लागत रू0 एक हजार है। टीबी रोग उन्मूलन को लेकर राज्य में स्वास्थ्य विभाग द्वारा युद्ध स्तर पर नि-क्षय मित्रों का पंजीकरण किया जा रहा है। टीबी मरीजों की औसत संख्या के आधार पर उत्तराखंड सर्वाधिक नि-क्षय मित्र पंजीकरण करने वाला देश का पहला राज्य बन चुका है। इस उपलब्धि पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने डॉ0 मनसुख मंडाविया ने खुशी व्यक्त करते हुये प्रदेश की जनता को बधाई दी। उन्होंने उम्मीद जताई कि उत्तराखंड सबसे पहले टीबी उन्मूलन में कामयाबी हासिल करेगा। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत अभी तक राज्य में 5852 नि-क्षय मित्र बनाये गये हैं, जिसमें से 91 फीसदी नि-क्षय मित्रों का टीबी मरीजों के साथ लिंकेज कर दिया गया है। प्रदेश के तीन जनपद टिहरी गढ़वाल, चमोली और चम्पावत में शत-प्रतिशत नि-क्षय मित्रों का लिंकेज किया जा चुका है, जबकि पांच जिलों अल्मोड़ा, बागेश्वर, रूद्रप्रयाग, ऊधमसिंह नगर और उत्तरकाशी में 95 फीसदी से अधिक नि-क्षय मित्रों का लिंकेज किया जा चुका है।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत का कहना है कि समाज का प्रत्येक सक्षम व्यक्ति टीबी रोगियों की सहायता के लिये नि-क्षय मित्र बनने का संकल्प लें और इस राष्ट्रीय अभियान में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सच्ची मित्रता निभायें। इस अभियान में सभी सरकारी विभागों, निर्वाचित प्रतिनिधियों राजनीतिक दलों गैर सरकारी संगठनों और कॉर्पाेरेट्स संस्थानों का सहयोग अपेक्षित है। आइये नि-क्षय मित्र बनकर टीबी मुक्त उत्तराखंड का सपना साकार करें।